सबसे पहले मैं आपको अंकिता का आखिरी बयान बताता हूं।कौन थी Ankita Singh जिसके एक इनकार पर उसे जिंदा जला दिया गया, जानें पूरा मामला हिंदी में।


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इस पोस्ट में हम Ankita Singh dhumka, Jharkhand से संबंधित सभी जानकारी को जो न्यूज द्वारा पता चली है उसको आपके साथ साझा करेंगे।

ये दिल दहला देने वाली खबर झारखंड से आई है 17साल की एक लड़की को जिंदा जला दिया गया,रात के अंधेरे में एक लड़का खिड़की के पास आया और कमरे में सो रही लड़की के ऊपर पेट्रोल डाला जब तक ये लड़की कुछ जानती समझती तब तक ये लड़का माचिस की तीली जला कर लड़की के तरफ फेंक कर भाग गया।

ये लड़का लड़की को इसलिए जला कर मार डाला क्योंकि वो चाहता था की ये लड़की उससे बात करे, दोस्ती करे।

ये लड़की हिंदू परिवार की थी और लड़का मुस्लिम था। लड़की ने साफ इंकार कर दिया था। इस लड़के ने लड़की को धमकी भी दी थी कि उसकी बात नहीं मानोगी तो मार दूंगा। और उसके परिवार का कत्ल कर देगा। लड़की ने सारी बात अपने पिता को बताई उसके पिता कुछ कर पाते उससे पहले लड़के ने वो कर दिया जिस बात की उसने धमकी दी थी। इस लड़के ने एक बेकसूर लड़की को मार डाला।

ये सिर्फ एक घटना नहीं है,ये सिर्फ एक क्राइम नहीं है ये रौंगटे खड़ी कर देने वाली वारदात हमारे समाज पर कलंक है, धब्बा है। ये वारदात झारखंड की सरकार पर एक बदनुमा दाग है। ये घटना झारखंड के जिस dhumka इलाके में हुई है वो झारखंड के चीफ मिनिस्टर हेमंत सोरेन के खानदान के प्रभाव वाला इलाका है।

हेमन्त सोरेन 


 जिस इलाके से ये घटना हुई है उस इलाके से इस बार भी हेमंत सोरेन के भाई विधायक हैं। लेकिन 5 दिन तक पूरी सरकार खामोश रही। जब इस मासूम लड़की को मौत हो गई, अंकिता के मौत के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए, तब जाकर चीफ मिनिस्टर हेमंत सोरेन को होश आया और उन्होने कहा कि बहुत बुरा हुआ समाज में इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। इस तरह की सामाजिक बुरायी को खत्म करना होगा।

जिस शारूख ने मासूम लड़की की हत्या की है वो पुलिस के साथ हंसता, मुस्कुराता हुआ सिस्टम और समाज को चिढ़ाता हुआ निकल गया।आप जब अंकिता के परिवार की चीखें सुनेंगे,मौत से पहले दिया गया अंकिता का आखिरी बयान सुनेंगे,और हत्यारे शारूख को हंसते हुए देखेंगे तो आपका भी खून खौल उठेगा। अब तो झारखंड की मासूम बेटी हमारे बीच नहीं रही लेकिन मौत से पहले उसने वो बाते बता दी की उसको किसने मारा, क्यों मारा,कब मारा,और कैसे मारा।

सबसे पहले मैं आपको अंकिता का आखिरी बयान बताता हूं -

उसने अपने बयान में साफ-साफ शब्दों में बताया कि शारूख कई दिनों से उसका पीछा कर रहा था और उसको मारने की धमकी भी दी थी और उसी ने उसको पेट्रोल डाल कर जला भी है। ये सब शारूख इस लिए कर रहा था की अंकिता उससे बात करने से मना कर दिया था।
आप ये बयान ऑनलाइन वीडियो के रूप में भी देख सकते हैं।

अंकिता ने पुलिस के सामने सारा सच बता दिया था, पिता को भी सब कुछ बता दिया था,और मजिस्टेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया।

अंकिता मौत से 5 दिनों तक लड़ती रही। शारूख हुसैन ने 23 अगस्त को अपने घर में सो रही अंकिता पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी और 5 दिन बाद यानी 28 अगस्त को अंकिता की मौत हुई।  5 दिनों तक अंकिता जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती रही। उसके अंदर जीने की चाह थी जो भी उससे मिलने आता अंकिता उससे पूछती की वो ठीक तो हो जाएगी। लेकिन अंकिता के जीने की चाह पर शारूख की हैवानियत भरी पड़ गई।शरीर ने हौसले का साथ नहीं दिया और अंकिता 28 अगस्त को इस दुनिया को बिदा कह गई।

मरने से पहले अंकिता ने ये भी कहा किस जिस तरह से वो तड़प तड़प कर मर रही है उसे इस हाल में पहुंचने वाले शारूख हुसैन का भी यही अंजाम होना चाहिए।

अंकिता का चेहरा छोड़ कर लगभग पूरा शरीर का 90% से भी ज्यादा हिस्सा जल गया था उसके बचने की उम्मीद कम थी। लेकिन वो बच सकती थी अगर उसको बेहतर इलाज मिल जाता तो वो निश्चित ही बच जाती हो न हो गलती हमारे सिस्टम की है। उसे पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा कर छोड़ दिया गया। दिल्ली या कही और बड़े अस्पताल में सिफ्ट नहीं किया गया। जब अंकिता की मौत हो गई लोग विरोध करने लगे तब सरकार होश में आयी।

चुकी लड़की ने हत्यारे शारूख का नाम कई कई बार बताया इसलिए पुलिस ने शारूख को तो अरेस्ट कर लिया तो इस हत्यारे के चेहरे पर कोई अफसोस भी नहीं था उल्टा शारूख सिस्टम पर हंस रहा था। उसके चेहरे पर कोई अफसोस नहीं था उसकी बॉडी लैंग्वेज से पता चल रहा था की वो कितने अकड़ में है उसे सिस्टम का कोई डर नहीं है ऐसा लग रहा था की उसने जो कहा वो करके दिखा दिया उसका कोई कुछ नहीं कर सकता है।

अंकिता के केस के बाद अब शारूख हुसैन की हिस्ट्री सामने आई जिस इलाके में अंकिता रहती थी वो मस्लिम बहुल इलाका है हिंदुओ की आबादी कम है मुस्लिम ज्यादा हैं पता चला कि शारूख कई और लड़कियों को इसी तरह से परेशान करता था। शारूख का घर अंकिता के घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर है इसके बावजूद उसे किसी का खौफ नहीं था चुकी अंकिता ने अपने आखिरी बयान में नईम खान उर्फ छोटू का भी नाम लिया था इसलिए पुलिस ने छोटू को भी अरेस्ट कर लिया।

झारखंड की सरकार ने इस घटना की जांच एक EDG रैंक के अधिकारी से करवाने का फैसला लिया है EDG अधिकारी अपने टीम के साथ क्राइम सीन पर पहुंचे और अपनी जांच शुरू कर दी है। इस दौरान अंकिता के पिता भी क्राइम सीन पर मौजूद थे उन्होंने बताया की 23 अगस्त को सुबह चार बजे क्या हुआ था।

जब अंकिता की मृत्यु हो गई तब BJP के कार्यकर्ता, बजरंग दल, और विश्व हिंदू परिषद के नेता सड़कों पर उतर आए और जम कर प्रदर्शन किया और झारखंड की सरकार का पुतला जला कर झारखंड की सरकार का विरोध किया और अंकिता के लिए इंसाफ की मांग की।सिर्फ दुमका ही नहीं झारखंड के सभी बड़े शहरों में लोगों ने जम कर नारे बाजी की और दोषी के लिए फांसी की मांग की। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड की सरकार को हिंदुओ के साथ भेद भाव का आरोप लगाया।
अंकिता की मौत का सभी को बहुत दुःख है और उसको जल्दी उचित इंसाफ मिलना चाहिए यही सभी की मांग है।

भगवान अंकिता की आत्मा को शांति दे।🙏🙏



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