गंगा दशहरा के 'दश-विधि स्नान' से धुलेंगे सारे पाप। गंगा दशहरा का महत्व



प्रतिवर्ष जून महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा मां का स्वर्ग से पृथ्वी पर आगमन हुआ था गंगा दशहरा के दिन जो व्यक्ति गंगा मां की आराधना करता है जीवन में किए गए पापों और दुष्कर्म से मुक्त हो जाता है ।

"गंगा-दशहरा'' के 'दश-विधि स्नान' का बहुत महत्व है। इस दिन दश-विधि स्नान' करने वाले को 'अश्वमेघ' यज्ञ का फल मिलता है
दश-विधि स्नान' का आशय - दस प्रकार के स्नान से है आइए जानते है की वो दस प्रकार के स्नान कोन से हैं।

1, गोमूत्र से स्नान
2, गोमय से स्नान
3, गौदुग्ध से स्नान
4, गौघृत से स्नान
5, गौदधि से स्नान
6,कुशोदक से स्नान
7, भस्म से स्नान
8,मधु से स्नान
9, पवित्र जल से स्नान
10,मिट्टी से स्नान

यही दश-विधि स्नान' स्नान है इस दसों में से किसी एक से आज आप स्नान करते हैं तो आपको इच्छा अनुसार फल प्राप्त होता है।

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