संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची क्या है?
भारतीय संविधान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की शक्तियों का विभाजन किया गया है | इससे भारतीय प्रशासनिक ढांचे को मजबूती प्रदान की गयी है | भारतीय संविधान में यह संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची के रूप में बतायी गयी है | इन सूचियों के द्वारा राज्य सरकार और केंद्र सरकार की शक्तियों के विषय में स्पष्ट जानकारी दी गयी है
भारतीय संविधान को एक संघीय संविधान कहा जाता है, अतः संविधान की सातवीं अनुसूची में केंद्र और राज्य की शक्तियों को स्पष्ट किया गया है | इस विभाजन में तीन सूचियों का निर्माण किया गया है, यह सूचियां इस प्रकार है-भारत के राज्य और राजधानी की सूची
संघ सूची (Union Catalo)
संघ सूची में शामिल किये गए विषयों में राष्ट्रीय महत्व पर विशेष ध्यान दिया गया है, इनमे जिन विषयों को शामिल किया गया उसमे केवल संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया गया है
राज्य सूची (State list)
राज्य सूची में क्षेत्रीय महत्व पर विशेष ध्यान दिया गया है | इनमे उन विषयों को शामिल किया गया जो क्षेत्रीय महत्व रखते है | इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य विधानमंडल को प्रदान किया गया है |
समवर्ती सूची (Concurrent List)
समवर्ती सूची में सम्मिलित किये गए विषयों पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों कानून का निर्माण कर सकती है | केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कानून को राज्य सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से स्वीकार किया जाता है |
Of Union Catalog
इसमें राष्ट्रीय महत्व से सम्बंधित विषय सम्मिलित है जैसे भारत की रक्षा, विदेश कार्य, वायु मार्ग, करेंसी और सिक्का, रेल, बैंक, टेलीफोन, डाक और तार इत्यादि | इसमें 100 विषयों को शामिल किया गया है जैसे : –
▪️विदेशी मामले
▪️रेडियो, टेलिविजन
▪️डाकघर बचत बैंक
▪️शेयर बाजार
▪️बैंकिंग
▪️बीमा
▪️रक्षा
▪️रेलवे
▪️जनगणना
▪️निगम कर
राज्य सूची के विषय (Subject Of State List)
वर्तमान समय में राज्य सूची में 61 विषयों को सम्मिलित किया गया है जैसे कि न्यायालय ,राज्य पुलिस ,जिला अस्पताल, सफाई, पशु, सिंचाई, कृषि, सड़क, वन, रेलवे पुलिस, वन, वांट एवं नाप इत्यादि जैसे :-
▪️पुलिस
▪️लोक व्यवस्था
▪️लोक स्वास्थ्य
▪️स्वच्छता
▪️भूमि सुधार
▪️प्रति व्यक्ति कर
▪️कृषि
▪️गैस
▪️निखात निधि
▪️रेलवे पुलिस
▪️पंचायती राज
▪️कारागार
समवर्ती सूची के विषय (Subject Of Concurrent List)
समवर्ती सूची के अंतर्गत कुल 52 विषयों को सम्मिलित किया गया है जैसे शिक्षा, दीवानी एवं फौजदारी मुकदमे, श्रम कल्याण, कारखाने, समाचार पत्र, वन, आर्थिक एवं सामाजिक नियोजन, प्रदूषण नियंत्रण, परिवार नियोजन, वांट माप इत्यादि जैसे :-
▪️आर्थिक योजना/नियोजन
▪️योजना आयोग
▪️आपराधिक मामले
▪️जनसंख्या नियंत्रण व परिवार नियोजन
▪️शिक्षा
▪️वन
▪️विद्युत
▪️दण्ड प्रक्रिया
▪️विवाह
▪️विवाह-विच्छेद
▪️सामाजिक नियोजन
▪️गोद लेना
अगर कोई विषय किसी भी सूची में न हो ?
ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को संविधान द्वारा प्राप्त अधिकारों के आधार ऐसे विषयों पर कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है जो न राज्य सूची में हो और न ही समवर्ती सूची में | इसे केंद्र सरकार की अवशिष्ट शक्ति कहा जाता है |
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