Jeff Bezos को भी पछाड़ने वाले है Gautam अदानी। दुनिया के तीसरे सबसे अमीर अरबपति।

 भारत का सबसे क्रांतिकारी आदमी Gautam Adani कैसे बनें दुनिया में सबसे अमीर इंडियन।

आखिरकार कैसे Gautam Adani दुनिया के टॉप 3 अमीरों की लिस्ट में शामिल हुए।



दुनिया के तीसरे सबसे बड़े और भारत में कई सालों से नंबर1 की पोजीशन वाले मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ कर अब खुद गौतम अडानी नंबर1 की पोजीशन पर पहुत गए हैं, ये देखने वाली बात रहेगी की इनकी भारत में और एशिया में टॉप1 की पोजीशन कब तक बरकरार रहती है। दुनिया में तीसरा स्थान और एशिया में अभी टॉप पर मौजूद गौतम अडानी कोई खानदानी रहीश नहीं थे मुकेश अंबानी की तरह। इन्होने अपना इतना नाम और धन अपनी मेहनत से कमाई है ये भी शुरुआत में आम लोगो को तरह ही एक छोटे व्यापारी थे।
और अपने काम की शुरुआत भी एक छोटे काम से की थी।

गौतम अदानी (Gautam Adani) ने दुनिया के बड़े - बड़े बिजनेस टाइकून जैसे बर्नार्ड अरनॉल्ट (Bernard Arnault), बिल गेट्स (Bill Gates) और वॉरेन बफेट (Warren Buffett) को भी पछाड़ कर अमीरों की लिस्ट में अपना नाम जोड़ दिया है और दुनिया के तीसरे सबसे अमीर इंसान बन गए है।

अब गौतम अडानी विश्व में तीसरे नंबर के सबसे अमीर आदमी और एशिया के भी सबसे अमीर व्यक्ति बनने का गौरव हासिल कर चुके हैं। गौतम अडानी ने 137 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बर्नार्ड अरनॉल्ट को पीछे कर दिया है। 

गौतम अदानी ने वो कर दिया है जो मुकेश अंबानी और जोंग शांशन भी नहीं कर पाए और गौतम अडानी ने वो करके दिखा दिया और पहले ऐसे एशियाई शक्स बने जिन्होंने इतिहास बदला और एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति है जिनका नाम एशियाई ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स (Asian Bloomberg Billionaires Index) में उनका नाम शामिल हो गया है।

Gautam Adani की Family और जन्म स्थान।

अदानी का पूरा नाम गौतम शांतिलाल अदाणी है इनका जन्म 24 जून 1962 अहमदाबाद (गुजरात) में हुआ था । ये भारत अदानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष तथा अदानी फाउंडेशन के अध्यक्ष है।
गौतम अदानी के परिवार में चार लोग है जिसमे गौतम अदानी और उनकी पत्नी प्रीति अदानी और उनके दो बेटे भी हैं करण अदानी और जीत अदानी।

गौतम अडानी नेट वर्थ। कितनी हो गई संपत्ति।



Adani Group के प्रमुख गौतम अडानी (Gautam Adani) दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. इस लिस्ट में वह सिर्फ मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) से ही नहीं बल्कि जोंग शांशन, लैरी पेज और सर्गेई बिन से भी आगे निकल चुके हैं।
अभी उनकी net worth 148 बिलियन अमेरिकी डॉलर (फोर्ब्स के अनुसार) है।

148 बिलियन USD के मालिक Gautam Adani



फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट (Forbes Real Time Billionaires) के मुताबिक गौतम अडानी की कुल संपत्ति अब 148 बिलियन USD हो गई है। इसी के साथ वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में टॉप 5 में शामिल हो गए हैं। 

Adani Power

आडाणी पॉवर लिमिटेड (Adani Power Limited), आडाणी समूह की कम्पनी है जो विद्युत ऊर्जा के उत्पादन से  सम्बन्धित संबंधित कार्य करती है और परियोजनाएँ लगाती है। इसका मुख्यालय भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में है।

क्या अदानी पावर एक अच्छी कंपनी है?

अदानी के अडानी पावर के शेयर की कीमतों में पिछले वर्ष से ऊपर की ओर जा रहा है, जिसमें मल्टीबैगर रिटर्न मिल रहा है। दिसंबर 2022 से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध गौतम अडानी ने कहा है और अपने हालिया के ट्वीट के बाद बुधवार के शुरुआती सौदों में अडानी समूह के स्टॉक ने काफी रफ्तार पकड़ी है।तो इससे आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं।

क्या हम अदानी पावर का शेयर रख सकते हैं?

जी हां, अदानी पावर के शेयर को अपने डीमेट अकाउंट में खरीद सकते है। हालांकि, कोई भी शेयर को अपने डीमेट अकाउंट में रख सकता है।

Adani Group की शुरुआत कैसे हुई?

आज हम जिस अदानी ग्रुप की बात करते है, देखते है और सुनते है। वो शुरू से ही ऐसी नहीं थी इसके पीछे इसके संस्थापक गौतम अदानी की बहुत कड़ी मेहनत है। फर्श पर पड़ा कोई आदमी जो सफल नही हुआ होता है वो कभी किसी को नजर नहीं आता क्योंकि हर कोई उगते सूरज को सलाम करना चाहता है और अगर वह दोपहर के सूरज की तरह तप रहा हो तब तो सबकी आंखें चौंधिया जाती है। ऐसी ही एक कामयाब शख्सियत का नाम है गौतम अडानी है जो आज किसी परिचय के मोहताज नही दुनिया के टॉप 5 बिजनेस टाइकून में इनका नाम शामिल है, जिनका जन्म निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ, कभी ऐसा भी समय था घर की हालत खराब थी इसी बीच ही इन्होने पढ़ाई छोड़ दी , और आज गिनती विश्व के चुनिंदा 5 अरबपतियों में है।

अदाणी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन तथा बिजली निर्माता कम्पनी है। जिसका मुख्यालय मुम्बई में है। अदानी ग्रुप को स्थापित करने वाले गौतम अदानी है। फोर्ब्स मैग्जीन के मुताबिक, अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी 148 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं और दुनिया के अरबपतियों में शुमार हैं। अदानी ग्रुप देश की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कंपनियों में से एक है। गौतम अदानी का जन्म अहमदाबाद के निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था और वे कुल सात भाई-बहन थे। पढ़ाई लिखाई करने से पहले रोजी-रोटी का सवाल आ गया। नतीजा यह हुआ कि कॉलेज की पढ़ाई के बाद उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी में बीकॉम में एडमिशन तो ले लिया, लेकिन पढ़ाई आगे बढ़ नहीं पाई। 18 वर्ष की उम्र में पैसे कमाने के लिए मुंबई भाग आए और एक डायमंड कंपनी में तीन-चार सौ रुपये की नौकरी पर लग गए। दो साल वहां काम करने के बाद गौतम अदानी ने झावेरी बाजार में खुद का डायमंड ब्रोकरेज आउटफिट खोला। यहीं से उनकी जिंदगी पलटनी शुरू हो गई। वर्ष 1981 में अदानी के बड़े भाई मनसुखभाई ने प्लाटिक की एक यूनिट अहमदाबाद में लगाई और उन्होंने गौतम को कंपनी चलाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने बड़े भाई की पीवीसी यूनिट संभाली और धीरे-धीरे कारोबार आगे बढ़ाया। 1988 में उन्होंने एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी अदानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की। आज अदानी ग्रुप का कारोबाद दुनिया भर में फैला हुआ है। अदानी की पत्नी का नाम प्रीति है, जो कि पेशे से डेंटिस्ट हैं और अदानी फाउंडेशन की हेड हैं। अदानी के दो पुत्र हैं-करण और जीत। इतना ही नहीं अदानी के पास दो प्राइवेट जेट हैं, जिसमें उन्होंने बीचक्रॉफ्ट जेट 2005 में और हॉकर 2008 में खरीदी।
एक सबसे सफल बिजनेसमैन के इस सफर में गौतम अडानी को यह सफलता कोई आसानी से हासिल नहीं हुई है। खास तौर से नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनको तरह-तरह के उलाहनों और आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है।
गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को अहमदाबाद के गुजराती जैन परिवार में हुआ था। अपने सात भाई-बहनों में एक अडानी के पिता कभी आजीविका के लिए थराड़ कस्बे से गुजरात के इस उत्तरी हिस्से में आ बसे थे। अडानी कहते हैं, 'आज हमारे पास चार हेलिकॉप्‍टर हैं। गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री भी उनके चॉपर का इस्‍तेमाल करते हैं। इसके लिए वह भुगतान करते हैं। जहां तक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सवाल है, वह भी उनका हेलिकॉप्‍टर कोई फ्री में नहीं, शुल्क अदा कर इस्‍तेमाल करते हैं।'

बात सन् 1980 के दशक की है। उस वक्त अडानी अपने अहमदाबाद शहर में बचपन के साथी मलय महादेविया के स्कूटर पर पीछे बैठे लोगों को दिख जाया करते थे। इस दोस्ती की एक खास वजह अडानी को कमजोर लेकिन महादेविया की अच्छी इंग्लिश भी रही। बाद में महादेविया उनके बिजनेस पार्टनर हो गए। अडानी भारत के उन गिने-चुने कामयाब उद्योगपतियों में एक हैं, जिन्होंने फर्श से उठकर अर्श पर पहुंचने की 'अरबपति कामयाबी' हासिल की है। माली हालत खराब होने से ही उनके पिता अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहते थे। आज उनका कारोबार पूरी दुनिया के कोयला व्यापार, खनन, तेल एवं गैस वितरण, बंदरगाह, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन-पारेषण तक फैला हुआ है।

इस वक्त वह लगभग दस अरब डॉलर की संपत्ति के स्वामी हैं। उनके पास देश की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कंपनी है। उन्होंने खुद का बीचक्रॉफ्ट जेट 2005 में और हॉकर जेट 2008 में खरीदा था। उनको यह सब महज साढ़े तीन दशक में हासिल हुआ है। अडानी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 35 हजार करोड़ के निवेश का एलान किया है। उनकी पत्नी प्रीति पेशे से डेंटिस्ट हैं और अडानी फाउंडेशन की हेड भी। उनके दो पुत्र करण और जीत हैं।
हमारे देश में शीर्ष अंबानी साम्राज्य के जनक आज के उद्योगपति मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी नहीं, बल्कि उनके पिता धीरू भाई अंबानी रहे हैं। इसी तरह टाटा-बिड़ला का साम्राज्य भी उनके पुरखों का बनाया हुआ है लेकिन गौतम अडानी खुद के बूते इस मोकाम पर पहुंचे हैं। जिस समय वह गुजरात यूनिवर्सिटी में बीकॉम की पढ़ाई के लिए दाखिल हुए, उन्हीं दिनो घर के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ। चिंताजनक स्थितियों में पढ़ाई छूट गई। वह कॉलेज से मुंह मोड़कर पैसा कमाने के चुनौतीपूर्ण सफर पर निकल पड़े। अपना शहर छोड़कर मुंबई चले गए और वहां एक डॉयमंड कंपनी में बड़ी मामूली सी पगार पर नौकरी करने लगे।

वह शुरू से ही मेहनती और प्रतिभा संपन्न थे, बमुश्किल उस कंपनी डायमंड सॉर्ट महिंद्रा ब्रॉस में साल-दो-साल ही उनके पांव थमे, नौकरी छोड़कर झावेरी बाजार में उन्होंने खुद का डायमंड ब्रोकरेज आउटफिट खोल लिया। वर्ष 1981 में मनसुखभाई ने प्लाटिक की एक यूनिट अहमदाबाद में लगाई तो गौतम अडानी को कंपनी चलाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने बड़े भाई की पीवीसी यूनिट संभाली और धीरे-धीरे कारोबार आगे बढ़ाया। वर्ष 1988 में उन्होंने एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की। ऐसा भी कहा जाता है कि जिस अडानी ने मारुति-800 से अपना व्यावसायिक सफर शुरू किया था और आज उनके पास बीएमडब्ल्यू गाड़ियों का झुंड है, फरारी है, कुल तीन हेलिकॉप्टर, तीन बोम्बार्डियर, बीचक्राफ्ट विमान हैं।

एक सबसे सफल बिजनेसमैन के इस सफर में गौतम अडानी को यह सफलता कोई आसानी से हासिल नहीं हुई है। खास तौर से नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनको तरह-तरह के उलाहनों और आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है। कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी ने अप्रैल, 2014 में जब प्रधानमंत्री का पद संभाला था, अडानी की पर्सनल वेल्थ लगभग पांच अरब डॉलर थी, जो आज ब्लूमबर्ग बिलेनायर इंडेक्स के मुताबिक 63 हजार करोड़ रुपए हो चुकी है।

देश के बाहर भी कई मोरचों पर उनके सामने कठिन हालात आज भी बने हुए हैं। उनको ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में सबसे बड़ी करीब 16.6 अरब डॉलर की लागत वाली कोयला खदान से खनन का अवसर मिला, जिसके लिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया सरकार ने लगभग एक अरब डॉलर का कर्ज भी दिया लेकिन प्रोजेक्ट विवादों में आ गया। ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरणवादी कहने लगे कि ये प्रोजेक्ट पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। इस प्रोजेक्ट पर केंद्रित विवाद आज भी थमा नहीं है। इसी तरह मध्य प्रदेश में उनका एक हीरा खदान का प्रोजेक्ट भी आजकल मीडिया की सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि अडानी ग्रुप और अरबपति अनिल अग्रवाल के नियंत्रण वाले वेदांता रिसोर्सेज ग्रुप मिलकर 59 हजार करोड़ के डायमंड प्रोजेक्ट के लिए बिड लगाने वाले हैं।

आगामी नवंबर में इसके लिए बिड्स आमंत्रित किए जा सकते हैं। इस खदान में 3.2 करोड़ कैरेट डायमंड होने का अनुमान है। सचाई तो यह बताई जाती है कि अडानी पर नरेंद्र मोदी से नजदीकियों का भले आरोप लगे लेकिन ओडिशा, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान में अपने उद्योग-धंधों का विस्तार करने के दौरान कांग्रेस नीत सरकारों में उनके कई दोस्त रहे हैं। शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ से भी उनकी नजदीकियां बताई जाती रही हैं।















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